रायपुर

World Blood Donor Day 2024: 25 हजार लोगों के लिए जीवनरक्षक बनी छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर संस्था

World Blood Donor Day 2024: रक्तदान दिवस पर हम आपको ऐसे रक्तदाताओं के समूह के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज समाज के लिए वरदान बन गए हैं...

रायपुर,World Blood Donor Day 2024: रक्तदान को महादान कहा जाता है। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराने से उसकी जान बचाई जा सकती है। मानवता की सेवा की इसी भावना से राजधानी के कई स्वयंसेवक किसी भी समय रक्तदान करने को तैयार रहते हैं। रक्तदान को बढ़ावा देने और लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 14 जून को दुनिया भर में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस साल यह दिन रक्तदाता को धन्यवाद देने की थीम पर मनाया जा रहा है.

(World Blood Donor Day 2024) इस मौके पर हम आपको रक्तदाताओं के एक ऐसे समूह के बारे में बताने जा रहे हैं

जो आज समाज के लिए वरदान बन गए हैं। रक्तदाताओं का यह समूह जरूरतमंदों तक पहुंचकर जीवन रक्षक बन गया है। जिसे आज समाज भी कह रहा है “धन्यवाद वीरो”। रायपुर के विवेक कुमार साहू भी पिछले 12 वर्षों से घायल या जरूरतमंद लोगों को रक्त उपलब्ध कराकर नई जिंदगी देने का काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर संस्था के माध्यम से वे अब तक 25 हजार जरूरतमंदों को निःशुल्क रक्त उपलब्ध करा चुके हैं।

सबसे रेयर ब्लड ग्रुप को डोनर के माध्यम से दे रहे निश्शुल्क

विवेक व उनकी टीम ऐसे लोगों को भी ब्लड उपलब्ध करा रहे हैं, जिनका ब्लड ग्रुप सबसे दुर्लभ माना जाता है। अब तक 30 लोगों को बांबे ब्लड ग्रुप पहुंचाकर उनकी जान बचा चुके हैं। पूरे प्रदेश में लगभग 20 लोगों का बांबे ब्लड ग्रुप है, जिसमें से 11 लोग समूह से जुड़े हुए है।

विवेक बताते हैं कि छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर संस्था की शुरुआत वर्ष 2012 में 10 लोगों के साथ हुई थी। अब वाट्सग्रुप समूह में राज्य भर से पांच हजार लोग जुड़े हुए है, जो एक सूचना पर तुरंत रक्तदान के लिए पहुंच जाते हैं। संस्था के माध्यम से रक्तदान करने वाला डोनर संस्था का सदस्य बन जाता है। पिछले एक साल से 100 थैलेसेमिया बच्चों के लिए प्रति माह रक्त उपलब्ध कराया जा रहा है।

विवेक ने बताया कि वे अधिकतर जरूरतमंद तक इंटरनेट मीडिया से पहुंच रहे हैं। उनके बनाएं वाट्सएप ग्रुप में 20 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए है। इसके साथ वेबसाइट www.cgblooddoner.com है, जिसपर दिए गए नंबर पर प्रतिदिन दो-तीन लोग संपर्क करते है।

बच्‍चा खोया तो पिता ने रक्‍तदान का उठाया बीड़ा

ओम साई रक्तदाता सेवार्थ समिति रायपुर 2009 से लगातार जरूरतमंद तक निश्शुल्क ब्लड पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। संस्था में लगभग 60 लोग है जो आवश्यकता पड़ने पर दिन के 24 घंटे रक्त देने के लिए पहुंच जाते हैं। अब तक यह समूह 15 हजार ब्लड से डोनेट करा चुकें है। साथ ही समिति लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित भी करती है।

समिति के संस्थापक और अध्यक्ष एब्लूआरएस कालोनी निवासी एम वासुदेव राय पेशे से रेल्वे कर्मचारी है। बात सन 2000 है कि जब उनके प्री मेच्योर बच्चे की खून की कमी के कारण मृत्यु हो गई। दो घंटे के अंदर बच्चे को रक्त मिल जाता तो सायद जान बच सकती थी। इस घटना के बाद उन्होंने लक्ष्य बना लिया कि जितना ज्यादा हो सकें, जरूरतमंद तक रक्त पहुंचाएंगे। इस तरह उन्होंने ओम साई रक्तदाता सेवार्थ समिति की नीव रखी। 52 वर्षीय एम वासुदेव स्वयं 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं।

कुछ रक्त दानदाता और लेने वालों की कहानी

सात महीने के शिशु को डोनेट किया ओ नेगेटिव ब्लड

सुंदर निवासी 24 वर्षीय अभिजीत ठाकुर बताते हैं कि वे 18 वर्ष के होने के बाद साल में दो बार ब्लड डोनेट करते हैं। इस तहर वे अब तक लगभग 10 बार रक्तदान कर चुके हैं। अभिजीत बताते हैं कि एक सात महीने के शिशु को खून की आवश्यकता थी। जब उन्हें रात में इसके बारे में जानकारी मिली तो सुबह ही ब्लड डोनेट करने पहुंच गए और अपना खून देकर उन्होंने बच्चे की जान बचाई। अभिजीत ठाकुर का ब्लड ग्रुप आे नेगेटिव हैं, जो आसानी से नहीं मिलता।

अज्ञात डोनर ने बचाई पिता की जान

प्रितम कुमार सिंह ने बताया कि उनके पिता श्री उमाशंकर सिंह (71 वर्ष) के शरीर में खून की कमी हो गई थी। डाक्टर ने जल्द प्रबंध करने को कहा। फिर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से मदद मांगी और तुरंत डोनर मिल गया। इसी तरह दो साल पहले भाई (बहन के पति) के दो जुड़वा बच्चे कमजोर थे, जिनकों रक्त की आवश्यकता थी। जिसके बाद किसी अज्ञात दाता ने ब्लड डोनेट कर हमारी मदद की। प्रितम सिंह का कहना है कि जरूरतमंद काे अपना रक्त उसके जान को बचा सकते हैं, इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को रक्तदान करना चाहिए।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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